बांदा में तिंदवारी के पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने दिया सपा से इस्तीफा

 

बांदा। समाजवादी पार्टी में महासचिव रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने पीडीए की उपेक्षा से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया था और अब उनके ही नक्शे कदम पर चलते हुए उनके कट्टर समर्थक पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने यह कहते हुए समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्य से इस्तीफा दे दिया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बात पीडीए की करते हैं, लेकिन राज्यसभा में रज्जन और बच्चन को भेज रहे हैं। इनमें एक ब्राह्मण है और एक बनिया है।
सोमवार को अपने आवास में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने कहा कि 14 जनवरी 2022 को उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन किया था। तब हमें उम्मीद थी कि समाजवादी पार्टी हमारे सपनों को पूरा करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीडीए की बात तो करते हैं लेकिन काम नहीं करते हैं। इस संबंध में कई बार जब उनसे मुलाकात हुई, तब इस बारे में उन्हें समझाने की कोशिश की गई, लेकिन उनके समझ में नहीं आया। चार-पांच दिन पहले मैंने इस सिलसिले में पार्टी मुखिया को पत्र भी लिखा था फिर भी उनके समझ में नहीं आया। इसलिए मजबूर होकर मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
पूर्व विधायक ने बताया कि इस समय पार्टी 50 प्रतिशत टूट की कगार पर है। विधायक और पार्टी के सीनियर नेता हमारे संपर्क में हैं। इस सिलसिले में 22 फरवरी को दिल्ली में होने वाली सभा में नई रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस समय मनुवादी ताकते हावी हैं, इनसे निपटने के लिए एक ही दवा है, अंबेडकरवाद। बसपा और सपा में बड़ी संख्या में नेता अंबेडकरवादी विचारधारा के हैं। वह भी पार्टी छोड़ना चाहते हैं,। लेकिन उनके लिए कोई विकल्प नहीं मिल रहा। नई पार्टी में अंबेडकरवादी वादी विचारधारा के लोग शामिल होंगे।

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