काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर मुसलमानों ने लगाया हर हर महादेव का नारा

काशी में विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर मुसलमानों ने लगाया हर हर महादेव का नारा
*ओम नमः शिवाय के साथ सैकड़ों मुसलमानों ने किया बाबा विश्वनाथ का दर्शन*
*मुसलमान ज्ञानवापी के सच के साथ है –राजा रईस*

• हमारे पूर्वजों के भगवान से मिलने का अवसर मिला
• मुस्लिमों के जत्थे का नेतृत्व नाज़नीन अंसारी एवं ठाकुर राजा रईस ने किया
• औरंगजेब ने पाप किया, उसके कलंक को ढोना नहीं है
• काशी को महादेव के नाम से जाना जाता है
• नाज़नीन ने शिव तांडव स्तुति किया

*वाराणसी, 29 फरवरी।* एक तरफ विश्व संघर्ष की ओर तेजी से बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर संघर्ष को खत्म करने की बड़ी पहल मुस्लिम समुदाय के द्वारा शुरू हो गयी है। औरंगजेब ने 1669 में जब ज्ञानवापी मन्दिर तोड़ा था और उस पर मस्जिद बनवाया था तो उसने कभी नहीं सोचा होगा कि उसी के मजहब को मानने वाले एक दिन उसके गुनाहों की मुखालफत करेंगे।

भले ही ज्ञानवापी मन्दिर का मसला कोर्ट में चल रहा है और इस मुकदमे को हिन्दू मुसलमानों के बीच संघर्ष के रूप में देखा जा रहा हो लेकिन आज मुस्लिम राष्ट्रीय मंच एवं मुस्लिम महिला फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ से मुसलमानों का जत्था काशी के लिए रवाना हुआ। काशी पहुंचने पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी, हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र की नेशनल चेयरमैन डॉ० नजमा परवीन, अफसर बाबा, अफरोज, फिरोज ने मैदागिन चौराहे पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख ठाकुर राजा रईस का माल्यार्पण कर स्वागत किया। मुसलमान काशी विश्वनाथ का दर्शन करेंगे यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी। उनको देखने के लिये भीड़ लग गयी। अभी तक मुसलमान ज्ञानवापी परिसर में स्थित औरंगजेब द्वारा जबरन बनाई मस्जिद में नमाज पढ़ने और अपनी ताकत के प्रदर्शन के लिए जाते थे, लेकिन आज का नजारा बदला था। ठाकुर राजा रईस और रामभक्त नाज़नीन अंसारी के नेतृत्व में मुसलमानो ने हर हर महादेव का नारा लगाकर और ओम नमः शिवाय की स्तुति के साथ गेट न 4 से ज्ञानवापी मन्दिर में प्रवेश किये। सभी के चेहरे में शांति की पहल की चमक थी, सब चाहते थे कि मन्दिर का मसला अदालत के बाहर तय हो जाये और दोनों वर्गों के बीच शांति स्थापित हो।

मुस्लिमों में औरंगजेब के द्वारा तोड़े गए मन्दिर को लेकर गहरी नाराजगी थी। मुग़ल औरंगजेब के पाप का समर्थन कोई मुस्लिम नहीं कर रहा है। कुछ लोग केवल फसाद चाहते हैं इसलिए मुकदमा लड़ रहे हैं। उन्हें भी सच्चाई पता है। बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर बाहर निकले मुसलमान खुश थे। हर हर महादेव के साथ जय सियाराम का नारा लगाया। विश्वनाथ जी से दुआ मांगी की जल्द से यह मसला हल हो जाये।

मुसलमानों का जत्था विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के बाद लमही स्थित सुभाष भवन पहुंचा और वहां सुभाष मन्दिर में दर्शन किया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख ठाकुर राजा रईस और विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी के साथ आगे की रणनीति पर लंबी मन्त्रणा हुई।

इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा कि मुगलों ने भारत की संस्कृति पर हमला किया। मन्दिर तोड़े, मूर्तियों को अपमानित किया। ऐसे कलंकित मुगलों की मुखालफत ही सच्चा इस्लाम है। औरंगजेब क्रूर और घृणित बादशाह था, जिसने काशी के ज्ञानवापी मन्दिर को तोड़कर काशी को अपवित्र किया था। हमने भगवान विश्वनाथ का दर्शन कर यह संदेश दिया है कि हम अपने पूर्वजों के भगवान और उनकी संस्कृति को छोड़ नहीं सकते। भगवान शिव सबके हैं वो हमारे भी हैं। आज का दर्शन संघर्ष को खत्म करने की दिशा में बड़ी पहल होगा। नाज़नीन ने कहा कि जब सच बाहर आ गया है तो इंतजार किस बात का। भारत का मुसलमान ज्ञानवापी के सच के साथ खड़ा है। सारे साक्ष्य मन्दिर के पक्ष में है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख ठाकुर राजा रईस ने कहा कि किसी मुगल के डर से हम अपनी संस्कृति नहीं छोड़ेंगे। ज्ञानवापी मन्दिर के विश्वनाथ जी की कृपा सभी पर हो। हिन्दू मुसलमानों के सम्बन्ध बेहतर हो और हमारा मुल्क शांति की ओर बढ़े। ज्ञानवापी का मसला मिल बैठकर हल हो। सनातन संस्कृति का ध्वज जितना बुलन्द होगा, उतना ही विश्व शांति की ओर बढ़ेगा। ज्ञानवापी सनातनियों का केंद्र है। उसे हम कभी नहीं छोड़ सकते। राजा रईस ने कहा कि अंजुमन इंतजामिया कमेटी कहीं और जमीन लेकर मस्जिद बना ले। आज सच का साथ देने का समय है।

विशाल भारत संस्थान के हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र की चेयरपर्सन डॉ० नजमा परवीन ने कहा कि किसी बादशाह की वजह से हम आपस मे लड़ेंगे नहीं। ज्ञानवापी भारत की महान विरासत और हमारे पूर्वज भगवान श्रीराम के आराध्य का स्थान है। औरंगजेब वाली गलती लोग न करें, नहीं तो उनकी पीढ़ियों को लोग घृणा की दृष्टि से देखेंगे।

दर्शन करने वालों में सनी अब्बास, आबिद इयार खान, अख्तर खान, जमशेद, हैदर, शेर अली खान, छोटे खान, मेहताब, सोहराब, उस्मान गनी, मुज़ीद सिद्दीकी, राहिल, अमान रसूल, साबिर साह, अजरा रब, अब्दुल रब, आसिफ, मुनौवर चौधरी, समीर, आफताब, शमशाद उर्फ दुर्गावती, गुलज़ार, मोहम्मद नूर, हतेशमुद्दीन, तबरेज अंसारी, मो० रईस, मजहरुल जिशान, इमरान शेख, शीबा, मौलाना नोमान, मौलाना तौकीर, कासिम शाह, जहांगीर, अफरोज, रमजान अली, जावेद, रिजवान आदि सैकड़ों मुसलमान शामिल रहे।

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