राष्ट्रीय एकता की अनुभूति को पुष्ट करता काशी तमिल संगमम्
वाराणसी: काशी तमिल संगमम में गुरुवार को मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे तमिलनाडु के महामहिम राज्यपाल आर एन रवि ने कहा कि काशी तमिल संगमम् के माध्यम से हम भारत की एकता व एकात्मता को महसूस कर रहे हैं। उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूर्व से लेकर पश्चिम तक भारत एक है। कार्यक्रम में लंदन स्थित नेहरू केंद्र के निदेशक व प्रख्यात लेखक अमीश त्रिपाठी की गरिमामयी उपस्थिति रही। विशिष्ट अतिथि के रूप में तमिलनाडु शासन के मुख्य सचिव आनंद राव पाटिल उपस्थित रहे। सांस्कृतिक संध्या में सम्मानीय अतिथि के रूप में शक्ति पेरुमल एवं आर. मुकुंथन की भी उपस्थिति रही।
सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा समूह गायन एवं सामूहिक पोंगल नृत्य की प्रस्तुति से हुई। विद्यालय की संगीत शिक्षिका श्रीमती नीलम वर्मा के निर्देशन में छात्रों ने यह प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय के छात्र-छात्राओं द्वारा भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक संध्या की तृतीय कड़ी में सुभाषचंद्र बोस एवं उनके समूह द्वारा लोक गीत का गायन किया गया। लोकगीत के पश्चात एस. मुथूकुमार एवं उनके समूह ने पच्चकली प्रस्तुत किया। तमिलनाडु से आए डॉ. डी. कुमार एवं समूह ने रामायण के प्रसंगों पर आधारित थेरीकुट्टू की प्रस्तुति दी। यह तमिलनाडु का स्ट्रीट नाट्य है। आकर्षक एवं रंग-बिरंगे वेशभूषा में तमिलनाडु से आए कलाकारों ने रामायण के प्रसंगों को जीवंत कर दिया। इसके बाद आर. एम. सेंथिलकुमार एवं समूह ने वीरपंडिया कट्टाबोम्मन की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन कोवलम ड्रामा से हुआ। यह मंचन भक्त मार्कण्डेय की कथा पर आधारित था।