बंगाल कस्टम में तबादले में बड़े पैमाने पर हुआ खेल पीएमओ से लगाया गुहार

– सीसी(पी), बंगाल ने जाते जाते किया बड़ा खेला, अखिल भारतीय इंस्पेक्टर एसोसिएशन ने पीएमओ और वित्त मंत्रालय को लिखी अपनी व्यथा –भ्रष्टाचार के लिए ही सिलीगुड़ी से हटाया गया कस्टम कमिश्नर का कार्यालय
अशोक झा, कोलकोता: बंगाल में भ्रष्टाचार और धांधली से मानों पुराना नाता हो। अभी राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर जॉच चल ही रही है की अब कस्टम में बड़े रोटेशन तबादला को लेकर भ्रष्टाचार और धांधली का मामला सामने आया है। यह आरोप कोई और नहीं बल्कि अखिल भारतीय इंस्पेक्टर एसोसिएशन ने पीएमओ और वित्त मंत्रालय को लिखी अपनी व्यथा एक्स के माध्यम से बया की है। इस ऑफिसियल हैडल से पीएमओ, वित्त राज्यमंत्री एमपी चौधरी, सीबीआईसी इंडिया और कस्टम के आला अधिकारी को भेजा है।
उनकी शिकायत से यह बात स्पष्ट है की सीसीपी बंगाल अपने तबादला के पहले इस खेल को खेला है।
सिलीगुड़ी से कस्टम आयुक्त कार्यालय हटाने के पीछे सोची समझी साजिश: शिकायतकर्ताओं ने नाम नही छापने के शर्त पर कहा की सिलीगुड़ी से कस्टम आयुक्त का कार्यालय कोलकोता स्थांतरित करने के पीछे बड़ा खेल छुपा हुआ है। जबकि सभी जानते है की उत्तर बंगाल सीमावर्ती क्षेत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय तस्करी का मुख्य केंद्र बिंदु है। यह सोना, वन्यजीव जंतुओं, मवेशी, सुपारी, सागवान, चंदन लकड़ी, जाली नोट, विदेशी मटर,
पुरातत्व प्रतिमाओं और विदेशी वस्तुओं की तस्करी का ट्रांजिट रूट है। मवेशी तस्करी यहां एक संगठित व्यापार का रूप ले लिया है। लेकिन इसकी चिंता के बदले कोलकोता मुख्यालय से उत्तर बंगाल की कस्टम टीम को तस्करों के लिए खुली छूट दी जाती है। इसके पीछे के कारणों को खोजना पड़ेगा। कोलकोता और सिलीगुड़ी के बीच की कड़ी नजमुल मंडल और राज्य जीएसटी के एक अधिकारी के पति जो शिवमंदिर से इस पूरे खेल को संचालित करता है।
क्या है लिखित शिकायत जो उजागर करती है गड़बड़ झाला :
लिखित शिकायत में कहा गया है की 19 अगस्त 2024 को, CC(P), पश्चिम बंगाल ने हैवलर्स, इंस्पेक्टरों और अधीक्षकों के ग्रेड में तीन रोटेशन आदेश जारी किए। इस एसोसिएशन ने देखा है कि उपरोक्त सभी आदेश किसी भी मानदंड से परे जारी किए गए थे। अखिल भारतीय इंस्पेक्टर एसोसिएशन यानि अखिल भारतीय केंद्रीय उत्पाद शुल्क निरीक्षक संघ का आधिकारिक ट्विटर हैंडल (जो AICEIA भारत में जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के सभी निरीक्षकों का प्रतिनिधित्व करता है) के द्वारा लिखा गया है की हालाँकि, हमारा संघ निरीक्षकों का मामला देखता है इसलिए हमने निरीक्षकों के रोटेशन क्रम की जांच की और निम्नलिखित तथ्य रखे है। यानि की इसके अधीक्षकों के भी बदली में धाधली हुई है। कहा गया है की निरीक्षकों के रोटेशन क्रम में 127 उन अधिकारियों के नाम शामिल हैं जिनकी पोस्टिंग में बदलाव किया गया है। यह देखने में आया है कि जो अधिकारी संवेदनशील फॉर्मेशन में तैनात हैं। उन्हें फिर से संवेदनशील फॉर्मेशन में तैनात किया जाता है और जो अधिकारी गैर-संवेदनशील फॉर्मेशन में तैनात हैं, उन्हें गैर-संवेदनशील फॉर्मेशन में बने रहने के लिए मजबूर किया जाता है। यह भी देखा गया है कि प्रशासन ने पोस्टिंग के लिए किसी भी मानदंड का पालन नहीं किया है क्योंकि कुछ अधिकारियों को एक वर्ष के भीतर स्थानांतरित कर दिया जाता है, भले ही उनकी पोस्टिंग संवेदनशील या गैर-संवेदनशील हो और जिन अधिकारियों ने दो साल का संवेदनशील कार्यकाल पूरा किया हो आप हैं फिर से संवेदनशील गठन और इसके विपरीत में पोस्ट किया गया। एसोसिएशन उक्त रोटेशन आदेश के बारे में सतर्क था, इसलिए हमने सहायक आयुक्त (पी एंड वी), अतिरिक्त आयुक्त (पी एंड वी) और आयुक्त से हर स्तर पर मुलाकात की और उन्हें सूचित किया और अपनी शिकायतों से अवगत कराया और इस घटना के बारे में अवगत कराया लेकिन किसी को नहीं बताया गया की कोई संज्ञान लिया है। सीसी(पी), पश्चिम बंगाल के पूर्व आयुक्त सीसी(पी), पश्चिम बंगाल से 09 अगस्त 2024 को कार्यमुक्त किया गया। लेकिन वह रोजाना ऑफिस से लेकर कस्टम हाउस तक आते थे, यहां तक ​​कि वह पिछले शनिवार को भी आए थे। अतिरिक्त आयुक्त (पी एंड वी) को भी सीसी (पी), पश्चिम बंगाल से स्थानांतरित कर दिया गया। कार्यालय आदेश संख्या 06/2024-सीसीसी दिनांक 16.08.2024 को तत्काल प्रभाव से देखें, लेकिन वह पिछले शनिवार को कार्यमुक्त होने के बाद भी कार्यालय आए। यह भी बताया गया है कि सहायक आयुक्त (पी एंड वी) ने उक्त आदेश में संवेदनशील पोस्टिंग पाने वाले अधिकारियों को कई बार फोन किया और उनसे मिलने के लिए कहा अन्यथा सुधार आदेश में उनकी पोस्टिंग बदल दी जाएगी। यह भी बताया गया है कि सीमा शुल्क अपील, कोलकाता में तैनात एक मूल्यांकनकर्ता ने उक्त आदेशों में सभी कदाचारों को निष्पादित करने के लिए उक्त आयुक्त के साथ मुख्य भूमिका निभाई। उक्त मूल्यांकनकर्ता को कुछ महीने पहले भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।।हम इन रोटेशन आदेशों से जुड़ी परिस्थितियों की तत्काल और गहन जांच का पुरजोर आग्रह करते हैं। जब तक ऐसी कोई जांच नहीं हो जाती, हम मांग करते हैं कि विभाग के मनोबल और अखंडता को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए आदेशों को स्थगित रखा जाए। संघ से जुड़े अधिकारियों का कहना है की अब समय आया है की सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हों कि रोटेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही बहाल के लिए आगे आए।

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