मासूम से रेप में दोषी मौसेरे भाई को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

दोषसिद्ध अभियुक्त पर लगाया पचास हजार का जुर्माना
अदा न किए जाने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास
बहराइच : अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दीपकान्त मणि ने सात साल की बच्ची से रेप व पाक्सो के मामले में दोषसिद्ध होने पर दोषी मौसेरे भाई को बीस वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। पचास हजार का जुर्माना भी लगाया है, जिसे अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह ने बताया कि रुपईडीहा थाने के एक गांव में दो वर्ष पूर्व मौसेरी बहन के विवाह में शामिल होने नबाबगंज थाने के एक गांव से सात साल की बच्ची अपनी मां के साथ आयी थी। विवाह कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद बच्ची को मौसी के घर पर छोड़कर उसकी मां चली गई। इस बीच 5 जुलाई 22 को लुकई उर्फ अजमत अली ने मासूम बच्ची से रेप किया। बच्ची की हालत देख उसकी मौसी ने बहन को फोन पर तबियत खराब होने की जानकारी देते हुए बेटी को ले जाने को कहा। विशेष लोक अभियोजक पाक्सो संतोष कुमार सिंह ने बताया कि नबाबगंज इलाके से जब बच्ची की मां बहन के घर पहुंची तो जननांग से रक्त बहता देख सन्न रह गई। बच्ची की मां ने रुपईडीहा थाने जाकर तहरीर दी और पुलिस ने लुकई उर्फ अजमत के विरुद्ध रेप व पाक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर मासूम को जिला महिला अस्पताल भेजा। पुलिस ने मासूम के मौसेरे भाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा और बालिका का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया। विवेचक ने जांच के उपरांत साक्ष्य संकलित कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। रूपईडीहा थाने में तैनात पैरोकार सिपाही अरविंद चौरसिया की पैरवी की भूमिका सराहनीय रही। न्यायाधीश ने प्रकरण के विचारण व दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद लुकई उर्फ अजमल को दोषसिद्ध करार देकर 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माना की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को दिए जाने का आदेश किया है।

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